जीतो इंडिया जीतो
इस साल खेल जगत में India ने झंडे गाड़ दिए हैं। हर रोज़ एक नई सुबह के साथ एक नई जीत सुनने को मिल रही है। हर देश में India के जीत के परचम लहरा रहे हैं।
हर field के खिलाड़ी नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। जिससे हम भारतीयों का सीना गर्व से ओत-प्रोत हो जाता है।
आज India, सिर्फ cricket तक सीमित नहीं रह रहा है, बल्कि चौतरफा अपनी पहचान बना रहा है।
अभी कल ही SAFF CHAMPIONSHIP (FOOTBALL) 2023 में India ने final में Kuwait को हराकर कर जीत हासिल कर trophy अपने नाम कर ली।
India में football को पश्चिम बंगाल के नागेंद्र प्रसाद सर्वाधिकारी ने 1877 में पहचान दिलाई थी, जिसे Baichung Bhutia ने आगे बढ़ाया और सुनील छेत्री, इसे एक नये आयाम पर ले गए हैं। Intercontinental championship football matches and saff championship football matches की back to back trophies हासिल की।
India, FIFA की ranking में 100वें स्थान पर पहुंच गया है। साथ ही football में सक्रिय खिलाड़ियों में सुनील छेत्री, विश्व में तीसरे स्थान पर हैं।
पिछले Olympic games में, Star athlete, javelin throw के gold medal winner नीरज चोपड़ा ने इस पूरे साल ही हर देश में भारत के लिए जीत का परचम लहराया है।
Fencing में भवानी देवी ने gold medal जीतकर, world ranking में top 30 की position हासिल कर ली है।
कबड्डी में India ने final में ईरान को हराकर, Asian Kabaddi championship 2023 की trophy हासिल की।
ऐसे ही और भी बहुत से खिलाड़ी, अन्य देशों में भारत के लिए जीत का परचम लहरा रहे हैं।
अभी कुछ सालों से ही ऐसा हो रहा है कि भारत के खिलाड़ियों का सशक्त प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। हमारे भारत के खिलाड़ियों के ऐसे प्रदर्शन देखकर, ऐसा प्रतीत होने लगा है मानों हम भारतीय, जिस भी मैदान में कदम रख देंगे, वो मैदान भी हमारा और उस खेल की जीत भी हमारी...
पर यह संभव कैसे हुआ, कभी सोचा है आपने?
तो सोचिए जरा...
हम बोलेंगे तो आप कहेंगे कि हम BJP सरकार का support कर रहे हैं, पर सांच को आंच क्या...
पहले की सरकारों ने कभी इस ओर इतना ध्यान ही नहीं दिया, पर अब दिया जा रहा है। उन्होंने अपनी नीति, खेलो इंडिया प्रोग्राम को खाली एक slogan नहीं बनाया है, बल्कि वो सुचारू रूप से चल सके, उसके लिए प्रयास भी किए हैं।
जब Olympic games चल रहे थे, तब मोदी जी एक एक खिलाड़ी से बात करते थे, उनका हौसला बढ़ाते, जीत हासिल होने पर बधाई और हार जाने पर सांत्वना देते थे।
आगे भी समय समय पर खिलाड़ियों को प्रोत्साहन व अवसर प्रदान किए हैं, साथ ही उनके आगे बढ़ने के लिए सुविधाएं भी उपलब्ध कराई हैं।
जब सोच चौतरफ़ा होती है तो विकास भी चौतरफा होता है।
जिसका जीता जागता उदाहरण दिख रहा है कि आज भारत ना केवल हर field में आगे बढ़ रहा है बल्कि जीत का परचम भी लहरा रहा है।
अब तो नए भारत को हर क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए देखकर, बस यही कहने का मन करता है
जीतो इंडिया जीतो 🏆🥇👌🏻👏🏻👏🏻
जय हिन्द जय भारत 🇮🇳
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