यह कैसा प्यार (भाग -7) के आगे .....
यह कैसा प्यार (भाग-8)
ऋषि ने देखा, रोहित उसके bed पर लेटा हुआ था और तान्या उस पर झुकी हुई थी।
वो रोहित से कह रही थी कि, आज ऋषि के आते ही उसे सबसे high dose की drugs दे दूंगी। तब तुम एक बार फिर अपने बंगले के चोर दरवाजे से अपने आदमी को बुलाकर उसकी अजीब सी आवाज़ और उसका साया दिखाकर, ऋषि को भ्रम में डाल देना। जब वो भ्रम से परेशान हो तभी तुम उससे पूरे business को मेरे नाम कर देना।
अच्छा! पर यह बताओ, उसके बाद मुझे क्या मिलेगा? रोहित ने तान्या को अपनी तरफ खींचते हुए पूछा, क्या हमेशा के लिए तुम मेरी हो जाओगी?
तान्या छिटक कर हटते हुए बोली, ज्यादा होशियार बनने की जरूरत नहीं है, तुम्हें यह तुम्हारा बंगला वापस कर दूंगी, इसी बात से खुश रहो।
पूरा business मेरा हो जाने के बाद तुम्हें अपनी एक रात तोहफे में दे दूंगी, इसके बाद मुझे जिंदगी में कभी मिलना मत।
ऋषि यह सब सुनकर टूट गया, drugs...... ओह तो मेरी मानसिक स्थिति ख़राब होने का कारण यह लोग हैं।
ना महबूबा अपनी थी ना दोस्त।
आह ! कितनी निर्लज्ज स्त्री से मैंने प्यार किया...... जिसके लिए ना तो प्यार का मोल है ना अपनी इज्जत का। और एक दोस्त मिला था, वो भी दगाबाज।
ऋषि अन्दर आ गया। तभी बहुत तेज से table गिरने की आवाज़ आई।
तान्या और रोहित, आवाज़ की दिशा में भागे तो देखा ऋषि पंखे से लटक रहा था......
रोहित ने तुरंत उसे सम्भालते हुए नीचे उतारा, पर तब तक ऋषि दुनिया छोड़ चुका था।
यह जानते ही, तान्या खुश होते हुए बोली, वाह! मुझे ऋषि से छुटकारा मिल गया। वो खुशी से रोहित की बाहों में झूल गई। रोहित की आंखों में आंसू थे। ना जाने खुशी के या ऋषि की जुदाई के।
तान्या ने उसी समय मीडिया को बुलाया और सब अखबारों में यह खबर छप गई कि ऋषि ने suicide कर लिया है।
जब ऋषि के घर वालों को पता चला तो उन पर गाज गिर गई, उसके पिता जी, को यकीन नहीं हुआ कि अचानक ऐसा क्या हुआ, जो ऋषि ने suicide कर लिया।
वो, अपने आप को कोस रहे थे कि वो उसे अपने साथ ही क्यों नहीं लाए?
आनन-फानन सब वहाँ पहुंचे तो उन्हें पता चला कि यह सच था, ऋषि का अंतिम संस्कार कर के सब वापस आ गए।
इस घटना के चंद दिन बाद, तान्या ने रोहित से कहा, आज मैं तुम्हारे साथ आखिरी बार खाना खा रही हूँ, फिर तुम अपने रास्ते, और मैं अपने।
अभी खाना शुरू किया ही था कि, तान्या को ऋषि की आवाज़ सुनाई दी।
ऋषि की आवाज़ सुनकर तान्या बुरी तरह डर गई, फिर अपने को सम्भालते हुए रोहित पर बिफर गई, रोहित यह क्या हरकत है, तुम मुझे ऋषि की आवाज़ से क्यों डरा रहे हो?.....
कैसी आवाज़, मुझे तो कोई आवाज़ नहीं आ रही.....
अंतिम भाग पढ़ें, यह कैसा प्यार (भाग-9) में...
No comments:
Post a Comment
Thanks for reading!
Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)
Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.