बस एक कदम
श्रेया
अपने माँ– पापा की
एकलौती बेटी थी, उसके
पापा का पानी का बड़ा
business था।
श्रेया बेहद सुंदर, अमीर घर की नकचढ़ी लड़की थी।
आर्यन के पिता की भी textile की बड़ी मिल थी। पिता के ना रहने के बाद, वो ही सारा काम देख रहा था। एक दिन business community की बड़ी meeting थी।
आर्यन के पिता की भी textile की बड़ी मिल थी। पिता के ना रहने के बाद, वो ही सारा काम देख रहा था। एक दिन business community की बड़ी meeting थी।
वहीं पापा के साथ ही श्रेया भी आई थी।
आर्यन और श्रेया की वहीं मुलाक़ात हुई। श्रेया के पापा को आर्यन वहीं भा गया।
घर आ कर श्रेया के पापा ने अपने मन की
बात, अपनी पत्नी और श्रेया को बताई, सुन कर श्रेया शरमा गयी।
श्रेया के पापा और मम्मी आर्यन के घर
मिलने गए। आर्यन के संस्कार और
अपने कार्य की
सूझ-बूझ ने श्रेया
की माँ का मन भी मोह लिया। वो लोग सुधा को अपने घर का निमंत्रण दे कर आ गए।
सुधा वहाँ गयी, तो
उसने देखा कि श्रेया बहुत
सुंदर है, और
आर्यन की आँखों में
ये साफ झलक रहा था कि उसे श्रेया पसंद है।
दोनों ही परिवार धनाड्य थे। उनकी शादी के चर्चे पूरे शहर में होने लगे। बड़े ही आलीशान तरीके
से विवाह सम्पन्न हुआ।
शादी के बाद का 1st month तो श्रेया और आर्यन के घूमने, मस्ती
करने और लोगों के घर निमंत्रण में जाने में ही व्यतीत हो गया।
फिर धीरे धीरे आर्यन अपने काम में व्यस्त रहने लगा। और श्रेया ने अपने दिन
सोने में,
facebook, chatting में
व्यतीत करने
शुरू कर दिये।
सुधा के आर्यन के विवाह से बड़े-बड़े अरमान
थे, उसने सोचा था, बेटा तो business
में busy रहता है। बहू आएगी, तो
उसे बेटी मिल जाएगी। उसके
साथ दिन भर गप्पे लड़ाऊँगी ,बाज़ार जाऊँगी, खूब
सारा घूमा करूंगी, और सारी जगह खाएँगे-पीएंगे।
पर श्रेया को सुधा का साथ फूटी- कौड़ी
नहीं भाता था। उसे
तो देर तक सोना, friends से chat करना, और आर्यन
के साथ घूमना पसंद
था।
श्रेया को fat free food पसंद थे, तो
सुधा से तो ऐसा खाना
गले से भी नीचे नहीं उतरता था।
शुरू शुरू में तो आर्यन ने दोनों में
सामंजस्य बैठाने की कोशिश भी करी। पर
दोनों में से कोई भी adjust
करने को तैयार नहीं
हुआ।
समय के साथ आर्यन श्रेया की तरफ झुकने लगा।
आए दिन उसे वैसे भी business
related party में
श्रेया को अपने साथ ले जाना भी पड़ता था।
सुधा घर में अक्सर अकेले रहने लगी थी। अब
उसे आर्यन के पिता
की कमी बहुत ज़्यादा खल रही थी। उसने बहू का साथ चाहा था, बेटे का
भी छूट गया।
एक दिन
आर्यन की प्रेमा मौसी आई। उनके ख्यालात.....क्या प्रेमा मौसी सास बहु के मिलाप के लिए कुछ कर पाएंगी, या उनकी दूरियों को और बढ़ा देंगी?जानते हैं बस एक कदम (भाग -२) में
What's next...
ReplyDeleteThank you for your time.
DeleteThe next part would be published shortly.