आज की kids story, एक छोटे से बच्चे Advay Sahai ने लिखी है, वो अपनी कहानी के जरिए अपने friends को एक बात बता रहा है।
जो कि है तो छोटी सी, पर बहुत जरूरी भी, क्योंकि जो बच्चे, इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं, उन्हें बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है।
तो आइए देखते हैं कि उसने अपनी कहानी में ऐसी कौन सी बात कही है।
उसको motivate करने के लिए, कहानी पसन्द आने पर, like and comments ज़रुर कीजिए।
The Friendly Fish
सोनू का जन्मदिन आने वाला था। वो यह बात सोच-सोचकर हर समय बहुत खुश रहता। इस बार जनाब को अपने parents के तरफ़ से birthday gift में एक pet animal चाहिए था। उसने यह बात अपने parents से कही।
उसके parents ने भी सोनू की इच्छा पूरी कर दी और उसे एक friendly fish दी और कहा, "यह fish बहुत friendly है। अगर तुम एक good boy की तरह रहोगे तो यह तुम्हारी friend बन जाएगी और तुम्हारे साथ बातें करेंगी और games खेलेगी।"
सोनू यह सुनकर खुश हो गया और अपने parents को "Thank you." कहकर अपने friends के साथ खेलने चला गया।
सोनू हर दिन की तरह, आज भी अपनी books और notebooks, table पर छोड़कर चला गया था। Fish ने भी यह देख लिया।
जब सोनू लौटकर आया तो उसे दिखा की उसकी books तो ठीक हैं पर उसकी notebooks गीली हो गई हैं। यह देखकर सोनू कस-कसकर रोने लगा।
Fish ने उससे पूछा, "क्या हुआ सोनू? तुम रो क्यों रहे हो?" सोनू ने कहा, "मेरी notebooks गीली हो गई हैं।" Fish ने कहा, "मुझे तो नहीं लग रहा।"
सोनू को fish की बात समझ में नहीं आयी तो उसने fish से पूछा, "क्या मतलब?"
Fish ने समझाया, "पहले तुम confirm करो की ये तुम्हारी used notebooks हैं भी या नहीं।" सोनू ने check किया। वो तो सोनू की new notebooks निकलीं! यह देखकर सोनू ने रोना बंद कर दिया।
तभी fish ने कहा, "देखा! यह तो तुम्हारी new notebooks निकलीं। पर अगर तुम हर दिन अपनी books और notebooks को ऐसे ही छोड़कर चले जाओगे तो किसी दिन ऐसा तुम्हारी used notebooks के साथ भी हो सकता है। बात सिर्फ books और notebooks की ही नहीं है बल्कि तुम्हारी हर चीज़ की है। तुम्हें अपनी हर चीज़ को अपनी place पर और organised way में रखना चाहिए।"
सोनू को fish की बात समझ में आ गई और तब से वो अपनी हर चीज़ (including books and notebooks) को अपनी place पर और organised way में रखने लगा।
सोनू good boy बन गया और friendly fish उसकी best friend बन गई।
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