जिंदगी की सच्चाई
हमेशा की तरह आज भी शिखर ने अपनी आलीशान कार दुकान के आगे रोकी ही थी, कि दूर से ही राहुल बोला, सर जी एक किलो बादाम तौलवा दूं?
हां, हां, 1 kg. Pack कर के भेज दो, तब तक मैं एक important call कर लूं...
शिखर को कोई call नहीं करना था, बस उसका कार से उतरने का मन नहीं था और साथ ही उसे अपनी शान भी बघारनी थी...
वो अपनी कार में बैठा, बादाम का इंतजार कर रहा था, तो उसने देखा कि एक आदमी बादाम, काजू, पिस्ता, अखरोट, चिरौंजी, चिलगोजा, मखाना, आदि सभी मेवाएं दस दस किलो तौलवा रहा था।
जब दुकान का एक नौकर, शिखर को बादाम देने आया तो शिखर ने पूछा, यह जो आदमी इतनी मेवाएं ले रहा है, इसके यहाँ कोई बड़ा function है?
कोई बड़ा function नहीं है इसके यहां...
पिछले तीन महीने से हर महीने ऐसे ही दस दस किलो मेवाएं ले जाता है...
तो क्या यह बहुत बड़ी कम्पनी का मालिक है?
काहे का बड़ा आदमी, सर जी...
आप जैसे ही किसी बड़े आदमी की विधवा से तीन महीने पहले इस ने शादी कर ली है, बस तब से ही ऐश कर रहा है...
क्या कह रहे हो तुम!...
सच कह रहा हूँ सर जी, आप चाहें तो मालिक से पूछ लीजिए।
शिखर, राहुल के पास पहुंचा, तो राहुल ने भी यही कहा..
अरे भाई, मुझे भी हर मेवे दस दस किलो दे दो...
जब शिखर घर सारी मेवाएं ले कर पहुचा, तो नीना ने पूछा- Office में बंटवाने के लिए लाए हैं।
नहीं घर के लिए, शिखर ने दो टूक जवाब दिया...
घर के लिए इतनी!... क्यों?
चपरासी खाए, इससे अच्छा है कि मैं ही खा लूं।
क्या मतलब?
कुछ नहीं, कुछ नहीं...
बस आज मेरी आंखें खुल गईं...
हमेशा सुनता आया हूं कि आप कमा कितना रहे हैं, उससे ज्यादा बड़ा है कि आप बचा कितना रहे हो...
पर उससे भी बड़ा है कि आप जिंदगी कितनी जी रहे हो? जीवन में कितने पल, हंसी खुशी मस्ती और ऐश के गुज़ार रहे हो।
वरना मर मर कर कमाने वाली हमारी गाढ़ी कमाई को हमारे ना रहने के बाद कैसे उड़ाई जाएगी नहीं पता...
हमारी खुद की जिंदगी कितने पलों की है, नहीं पता?...
तो इतना संचय किस बात का?
अपने को इतना खपाना किस लिए?
कि जिस जिंदगी को पाने की चाहत में ताउम्र भागते रहे, वो उस इंतजार में ही गुज़र गई कि कुछ पल तो थमेंगे जिंदगी जीने के लिए...
छोटी सी कहानी है, और सार सिर्फ इतना है कि, अपनी भागदौड़ से भरी जिंदगी से चंद लम्हे, चुरा लीजिए, उन्हें जीने के लिए..
ना जाने कब जिंदगी की शाम हो जाए...
क्योंकि जिंदगी की सच्चाई यही है...
Always be happy...
No comments:
Post a Comment
Thanks for reading!
Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)
Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.