क्या करें निमंत्रण में मिले अक्षत(चावल )का?
जैसा कि आप सभी को विदित है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूर्ण हो गया है। साथ ही अब उस शुभ दिन जब, "रामलला में प्राण प्रतिष्ठा" की जाएगी, उसमें एक हफ्ता भी बाकी नहीं है।
इस शुभ पवित्र दिन से हर कोई जुड़ना चाह रहा है, चाहे वो अमीर हो या गरीब, शहर का या गांव का... हर कोई अपनी सामर्थ्य के अनुसार इसकी कड़ी बनना चाहता है।
ऐसे में राम भक्तों का तो कहना ही क्या?
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामभक्त देशभर में एक खास मुहिम चला रहे हैं, जिसके अंतर्गत घर-घर जाकर बहुत ही खास अंदाज में निमंत्रण भेजा जा रहा है।
500 सालों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण हो गया है, जहां 22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और इसके साक्षी बनने के लिए अयोध्या नगरी पहुंच रहे हैं।
देशभर में इस दिन को पर्व की तरह मनाने की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए हर गांव, गली और घर में खास अंदाज में निमंत्रण भेजा जा रहा है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामभक्त घर-घर जाकर निमंत्रण दे रहे हैं। इस निमंत्रण में अक्षत यानि चावल का उपयोग किया गया है जो कि बेहद ही पुरानी भारतीय परंपरा है।
पर क्यों दिए जा रहे हैं अक्षत?
भारतीय परंपरा के अनुसार प्राचीन काल में लोग एक-दूसरे को किसी उत्सव या कार्यक्रम का निमंत्रण देने के लिए अक्षत का उपयोग करते थे।
अक्षत यानि चावल देकर लोगों को निमंत्रण भेजा जाता था। इसके लिए पहले चावल धोए जाते हैं, फिर हल्दी से रंगे जाते हैं। इस तरह से पीले हुए चावलों का उपयोग, निमंत्रण में भेजने के लिए किया जाता था।
हिंदू धर्म में अक्षत का विशेष स्थान है और कोई भी पूजा-पाठ, अनुष्ठान या धार्मिक कार्य अक्षत के बिना पूरा नहीं होता।
चावलों का धार्मिक महत्व :
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कोई भी पूजा पाठ का कार्य हो उसमें चावल का उपयोग जरूर किया जाता है। हिंदू धर्म में धार्मिक व शुभ कार्यों के दौरान तिलक लगाया जाता है, तो उसमें भी चावल लगाया जाता है।
कहा जाता है पीले चावल का उपयोग करने से देवी – देवता जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसलिए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मौके पर आमंत्रण पत्र के साथ पीले चावल को भी दिया जा रहा है।
मान्यता है पीले चावल से किसी भी शुभ कार्य में सफलता जरूर मिलती है, इसलिए रामलला प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मौके पर भी अक्षत यानी पीले चावलों का उपयोग किया जा रहा है।
हमने आपको अपने कुछ दिन पहले के इस article निमंत्रण प्रभू श्रीराम का में बताया था कि हमें भी वो सौभाग्य प्राप्त हुआ था और हमारे घर पर भी प्रभू श्रीराम जी का निमंत्रण और अक्षत प्राप्त हुए थे।
अब जिन घरों में अक्षत यानी चावल आए हैं, उनके मन में, इन अक्षत के मिलने से एक और महत्वपूर्ण प्रश्न उठ रहा कि क्या करें निमंत्रण में मिले अक्षत का?
जिन के घर बड़े बुजुर्ग है या वो खुद परिपक्व उम्र में पहुंच गए हैं कि उन्हें ज्ञात हैं कि इन अक्षत का क्या किया जाए, वो तो समझ गए होंगे कि उनका क्या करना है, पर जो अभी युवावस्था में हैं उनको हम इस चावल के सदुपयोग बता देते हैं। आप को जो सर्वोचित लगे, अपना लीजिए।
क्या करें निमंत्रण में मिले अक्षत का?
तिजोरी में रखे अक्षत:
ज्योतिषाचार्य लोग बताते हैं कि, चावल शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और शुक्र ग्रह से धन वैभव लक्ष्मी समस्त भौतिक सुख सुविधाएं प्राप्त होती है। इसका लाभ लेने के लिए चावल को लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखना चाहिए, ऐसा करने से मंगल और चंद्र दोनों सक्रिए होकर लक्ष्मी योग का निर्माण करेंगे, इससे घर में खुशियां आएंगी।
खीर का प्रसाद बनाएं:
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, राम मंदिर से मिले चावलों का बहुत महत्व होता है। इसलिए रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन खीर बनाई जा सकती है, जिसमें इन चावलों को मिला दें। इसके बाद इस खीर को परिवार के साथ प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और दूसरों में भी बांटें। ऐसा करने से घर में समृद्धि बनी रहेगी। वैसे भी प्रसाद में खीर का भोग सर्वोत्तम माना जाता है।
मस्तक पर तिलक करें:
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण में मिले चावलों का विशेष महत्व है। ये शुभता के भी निशानी माने जाते हैं, इसलिए जब भी आप शुभ कार्य के लिए घर से निकल रहे हैं तो इन चावलों को तिलक के रूप में मस्तक पर लगा सकते हैं। ऐसा करने से कोई भी कार्य आसानी से बन जाएगा। ऐसा सच में होगा? यह आपकी प्रभू श्रीराम पर आस्था पर निर्भर करेगा...
अपनी रसोई में प्रयोग करें:
आप इसे अपने भंडार घर में रख सकते हैं, इससे घर में बरक्कत रहेगी। जिन लोगों की हाल में शादियां होंगी तो उनकी दुल्हन अपनी पहली रसोई में इन चावलों का प्रयोग कर सकती हैं। ऐसा करने से घर में खुशहाली आएगी है और घर में मेल-मिलाप बना रहेगा।
बेटी का कन्या दान करें:
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, धार्मिक दृष्टिकोण से अक्षत का विशेष महत्व होता है। इसलिए इन चावलों को पूजा-पाठ में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा जिन लड़कियों की हाल में शादी होनी है उनके पिता उन्हें सौभाग्य के रूप में राम मंदिर से आए चावलों से कन्या दान कर सकते हैं। ऐसा करने से जिस घर में बेटी जाएगी, वहां बरक्कत होने लगेगी।
सोचिए, हम सब में से जिस किसी के भी घर में निमंत्रण के अक्षत (चावल) आए हैं, उनको सौभाग्य तो प्रभू श्रीराम ने वैसे ही दे दिया है। तो जब सौभाग्य प्राप्त हो ही गया है तो उसको सहेजने का कार्य तो हमारा ही है, अब आपको उसे सहेजना, ऊपर दिए किस उपाय से है, यह आपकी इच्छा..
साथ ही 22 जनवरी को दीपोत्सव भी अवश्य करें 🙏🏻😊
जय श्री राम 🚩
No comments:
Post a Comment
Thanks for reading!
Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)
Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.