Tuesday 15 October 2024

Article : सही फैसला

सही फैसला 



भारत के अनमोल रत्न, रतन नवल टाटा जी का निधन हो गया, जो कि एक सफल उद्योगपति, महादानी, पथ-प्रदर्शक, और महान देशभक्त थे।

हमने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक article लिखा था 'अनमोल रतन' 

जिसमें उनके कथनों का भी जिक्र किया था या यूं कहें कि उनके जीवन मूल्यों का जिक्र किया था। यह उनके वो जीवन मूल्य थे, जो उन्होंने अपने जीवन में साक्षात जिए थे।

उन्हीं में से एक था 👇🏻

"सही फैसले लेने में मैं विश्वास नहीं करता"

रतन टाटा जी का कहना था कि, मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता। मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूँ...

उनके इस कथन ने हमारे दिल को बहुत गहरे तक छूआ। यह एक ऐसा कथन है कि, जिस किसी ने इसे अपना लिया, वो सफल अवश्य होगा...

आइए उनके इस कथन को उनकी करनी के दृष्टांत से समझते हैं।

बात तब की है, जब Tata ने अपनी पहली Car, Tata Indica launch की थी और 1998 में बनी, यह पहली स्वदेशी कार भी थी।

But रतन टाटा जी का car manufacturer का plan बहुत successful नहीं रहा और TATA की car नहीं चली, रतन टाटा ने सोचा कि car बनाने वाली units को sell कर देते हैं। अमेरिका में Ford company संग बात आगे बढ़ी...

ज़ब बात final होनी थी तो, Ford motor के मालिक Bill Ford, रतन टाटा जी से बोले- ये बचपना करने की क्या जरूरत थी, कि कार बनाने चल पड़े.. (यानि एहसान सा दिखाया Bill Ford ने रतन टाटा पर, मानो वो टाटा की car units खरीदकर कोई एहसान कर रहे हैं)

रतन टाटा वापिस भारत आए और टीम को बोले- हम unit नहीं बेचेंगे बल्कि सुधार करेंगे खुद में....! 

रतन टाटा, अपने अपमान से झल्लाए नहीं, बल्कि उन्होंने अपने unit में सुधार करवाना शुरू कर दिया और 2008-09 आते-आते TATA ने अपने पैर जमा दिए भारतीय कार बाजार में..

फिर एक दिन वो भी आया कि उसी Ford की Land Rover and Jaguar, टाटा ने खरीद ली। आज भारत में Ford नहीं है, उसका बहुत सा सौदा Tata के पास है..!

तो रतन टाटा जी के जीवन के उस कथन से हमें समझ लेना चाहिए कि दौर बदल जाया करते हैं।

बस हमारे प्रयास, हमारी कमियों में सुधार कर उन्हें दूर करने के होने चाहिए..!

एक बार ऐसे भी सोचकर देखिए, जैसे रतन जी ने सोचा, सफलता की सीढ़ियां अपने आप, आपके कदमों के नीचे होगी...


यूं ही नहीं कोई,

सबके दिलों पर,

छा जाता है।

यूं ही नहीं कोई,

सबको अपना,

बनाता है।

सदियों में कोई,

एक ही आता है,

फरिश्ता ऐसा।

जो अपनी जिंदगी,

के बाद भी,

सबको बहुत याद,

आता हो।।

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