Saturday, 30 November 2019

Story Of Life: वो बन गया आतंकवादी (भाग-4)

 वो बन गया आतंकवादी (भाग-1 ),...
 वो बन गया आतंकवादी (भाग-2)और...
 वो बन गया आतंकवादी (भाग-3 )के आगे...

 वो बन गया आतंकवादी (भाग-4)

अपने दोस्तों की जोश भरी बातें सुन कर अंकित बोला, आज मुझे बहुत अच्छा idea आया। उसका idea सुन कर सारे दोस्त खुश हो गए।

उसके बाद वो लोग संगठन वालों के पास गए, और ऐसे मासूम बने रहे, जैसे उन्होंने कुछ ना सुना हो।

अंकित, सरगना से बोला, आज हमने बहुत बड़ा विस्फोट किया है, पर हमारे सीने की आग सिर्फ इतने पुलिस वालों की लाश से नहीं बुझी। हमे दिल्ली जाना है, वहाँ विस्फोट करें, तो कुछ मज़ा आए। क्या हमे भारी मात्रा में विस्फोटक सामाग्री मिल पाएगी?

न लोगों की बातों से सरगना बहुत खुश हुआ, उसने उन्हें भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री दिलवा दी। सारे दोस्तों ने सामाग्री बाट ली और सरगना से  कहा वो सुबह सुबह ही निकल जाएंगे।

अगली सुबह सब ओर एक ही चर्चा थी, कि जिस आतंकवादी संगठन से दुनिया थर्राती थी, उनका सफाया हो गया। किसी को समझ नहीं आ रहा था, कि आखिर उन पर हमला किया किसने?

ये बात सिर्फ अंकित, और उसके दोस्त जानते थे, पर वो भी मर गए थे। वो आतंकवादी बनकर और जीना नहीं चाहते थे। 

उन्होंने सारी विस्फोटक सामग्री संगठन की जगह पर ही लगा दिये थे। उसके बाद वो संगठन वालों के साथ ही सो गए थे, जिससे कोई भी ये ना समझ पाये कि सारी विस्फोटक सामाग्री यहीं फैली है।

रात में संगठन में माशालें जलती थी उन्हीं मशालों से अंकित और उसके दोस्तों ने विस्फोटक सामग्री जोड़ दी थी, रात में कब मशालों ने अपना काम कर दिया, कोई नहीं जान सका।

अंकित और उसके सारे दोस्तों को सारी दुनिया आतंकवादी मान रही थी, पर वे देशभक्त अपना काम कर गए थे। 

ये उनका उन आतंकवादियों से लिया हुआ बदला भी था। साथ ही उन्होंने ये भी सिद्ध कर दिया था, कि कोई भी बुरे काम को आपकी नियत सही सिद्ध कर देती है। 

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