Sunday 5 April 2020

Short story : एक दीवाली, एकता वाली

एक दीवाली, एकता वाली


चिंटू की माँ कुछ ढूंढ रही थी।

क्या ढूंढ रही हैं, माँ?

बेटा, तुम्हें पता है कि दीपक, मोमबत्ती या टार्च कहाँ रखी है?

हाँ माँ कहकर, चिंटू दौड़ गया और कुछ ही देर में दीपक मोमबत्ती और टार्च लेकर आ गया।

माँ, क्यों चाहिए आपको?

सब कुछ माँ को देते हुए बोला।

बेटा मोदी जी ने 9 बजे, 9 मिनट तक सबको अपने घर में दीपक, मोमबत्ती, टार्च या मोबाइल फोन की टार्च जलाने को कहा है।

मतलब दीवाली मनाने को कहा है?

बेटा यह दीवाली से थोड़ी अलग है।

वो कैसे माँ?

बेटा, हमारे देश में बहुत सारे धर्म हैं। साथ ही सबके अपने अपने त्यौहार हैं, जैसे होली, दीवाली, ईद, क्रिसमस, गुरुनानक जयंती, और भी बहुत से......

पर यह दीवाली उससे अलग है, यह किसी धर्म से संबंधित नहीं है।

यह दीवाली, पूरे देश और सारे धर्मों की दीवाली है, जो हम सब को बताएगी, हम अकेले नहीं हैं, किसी एक धर्म विशेष से नहीं जुड़े हैं, हम सब हिन्दुस्तानी हैं।

और पता है एकता में बहुत शक्ति होती है, वो हमें हर मुश्किल से बाहर निकालने की ताकत रखती है।

जो दुश्मनों को यह दर्शाएगी, कि हम डरे नहीं हैं।

हम डटकर, एक साथ रहकर उसे हरा देंगे।

अच्छा माँ, तब तो यह *"एक दीवाली, एकता वाली*" कहलाएगी।

बिल्कुल सही बेटा, और हम सब मिलकर आज प्रकाश अवश्य करेंगे, और अंधकार में प्रकाश करके, पूरी दुनिया को बता देंगे, हम बंटे हुए नहीं हैं, हम हिन्दुस्तानी हैं और हम सब को हराने की क्षमता रखते हैं।

2 comments:

  1. अच्छी प्रेरणदायक कहानी..” हम बँटे नहीं हैं एक हैं।”👏🏻👏🏻👏🏻

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    1. आप के सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏
      आप के शब्द मुझे लिखते रहने की प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं 🙏🏻

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