गलती किसकी (भाग-1) के आगे...
गलती किसकी (भाग-2)??
इस घटना को बीते हुए एक महीना हो चुका था। शिवांगी ने तेज़ कदमों से बढ़ते हुए एक auto rickshaw को रोका और अपने office की तरफ चलने को कहा।
Auto कुछ देर तक तो सही direction में चलता रहा फिर, उसने अपने direction को change किया और शहर से सुनसान रास्ते की ओर जाने लगा।
शिवांगी अपने mobile और net की दुनिया में खोई हुई थी और उसने उस ओर ध्यान नहीं दिया। जब auto रुका तो वह एक खंडहर हवेली के आगे रुका हुआ था।
शिवांगी बोली, “भैया, ये आप मुझे कहाँ ले आए? मैंने तुम से office चलने को कहा था।”
तभी एक करकशी आवाज़ के साथ auto driver ने शिवांगी से कहा, “चलो उतरो।” और शिवांगी का हाथ पकड़ कर उसे auto से नीचे उतार दिया।
शिवांगी बोली, “ये क्या बदतमीज़ी है?” तभी शिवांगी ने auto driver को ध्यान से देखा, बिखरे बाल, बढ़ी हुई दाढ़ी व फटी पुरानी सी shirt देखकर, वो कुछ देर तक उसे देखने बाद बोली, “तुम!”
Auto driver ने कहा, “हाँ, मैं।” और शिवांगी को हवेली के अंदर ले गया। शिवांगी को ले जाकर, उसने कुर्सी पर बैठा कर बांध दिया। सामने table पर एक laptop रखा था।
शिवांगी गिड़-गिड़ा रही थी और बोल रही थी “मुझे छोड़ दो, मुझे जाने दो, मेरे साथ कुछ गलत मत करो।”
“क्यों? तुम तो आज की नारी हो न। तुम्हें किसका डर?”
“नहीं रोहित, मुझे छोड़ दो। Sorry, मुझे जाने दो।”
“रोहित? तुम्हें मैं याद हूँ आज तक?
तुमने मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी। मैं बचपन से ही बहुत सीधा-साधा, होनहार लड़का था। मेरी बहुत अच्छी नौकरी थी। मेरे सारे परिवार वाले मुझ से बहुत खुश थे। चंद दिनों में मेरी शादी होने वाली थी।
पर तुम्हारे उस interview ने मुझे आवारा सिद्ध कर के मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी।
आज ना मेरे पास नौकरी है, ना प्यार, ना दोस्त, ना परिवार। मेरा सब कुछ मुझ से छिन गया है। आज मैं बेहद तन्हा और अकेला हूँ। यहाँ तक कि क्यों जी रहा हूँ, वो भी मुझे नहीं पता? और ये सब तुम्हारे कारण हुआ है।
तुम अच्छे से जानती हो की उस दिन गलती किसकी थी?
रोहित ने अपनी जिंदगी बर्बाद करने के लिए, शिवांगी को क्या सज़ा दी या उसे छोड़ दिया? जानने के लिए पढ़ें, अंतिम भाग,
गलती किसकी (भाग-3) में...
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