Amritsar, इस शहर का नाम आते ही ज़हन में आता है, Golden Temple...
पर अमृतसर में सिर्फ golden temple ही नहीं है बल्कि और भी बहुत कुछ है।
इसलिए अगर आप कहीं घूमने जाने का plan कर रहे हैं तो अमृतसर का plan कर सकते हैं और एक अच्छी बात यह है कि इसके लिए आपको बहुत सारे दिन की जरूरत भी नहीं है।
अभी हाल ही में अमृतसर जाना हुआ, जहां का हमारा experience बहुत ही अच्छा रहा, तो आज़ आपके लिए उसी को share कर रहे हैं।
Amritsar - सफर देशभक्ति और आस्था का
अमृतसर शहर, एक ऐसा शहर है जो कि आस्था और देशभक्ति दोनों से ही परिपूर्ण है। यह एक ऐसा शहर है जहां सम्पन्नता भी है और प्रसन्नता भी है। एक और विशेषता मिली इस शहर में कि यहां के रहने वाले अधिकांशतः लोग किसान हैं, पर सभी दूसरे कामों द्वारा भी अपना जीवन यापन कर रहे हैं, इसलिए यहां के किसान उतने गरीब नहीं है, जितने बाकी जगह पर हैं और क्योंकि अधिकांशतः किसान हैं, इसलिए वे मेहनती भी है, जिसके कारण वो बाकी काम भी बड़ी मुस्तैदी से करते हैं। एक और महत्वपूर्ण बात, यहां पर स्त्री-पुरुष बराबर से सभी काम करते हैं तो इनकी सोच संकीर्ण नहीं है। कुल मिलाकर यहां आप सुरक्षित भी रहेंगे और प्रसन्न भी... यह तो हुई वहां के लोगों की और उनकी संस्कृति की बात।
चलिए अब अमृतसर की जगहों की भी बात कर लेते हैं और जान लेते हैं कि अगर आप अमृतसर शहर घूमने जा रहे हैं तो आप को कितना समय लगेगा...
अमृतसर बहुत बड़ा और बिखरा हुआ शहर नहीं है, अतः 2½ से 3 दिन बहुत हैं, सभी जगहों को देखने के लिए।
बस आपको उसके लिए अपना पूरा program ऐसे plan करना होगा कि वहां के कुछ special जगहों के timing meet-up हो जाए।
जी हां वहां कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां पर कुछ timings है तो सबसे पहले हम आपको उन timings के बारे में बताते हैं, फिर सभी जगहों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।
1. Golden temple :-
सुबह 3 बजे से रात 10 बजे तक, ध्यान रखिएगा कि अगर 10 बज गए और आप line में लगे भी होंगे तो भी माथा नहीं टेक पाएंगे, अतः line में time देखकर ही लगें और बता दें, भीड़ बहुत ज़्यादा होती है तो माथा टेकने में कम से कम तीन से चार घंटे लग सकते हैं।
2. Jallianwala Bagh :-
यह सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुलता है तो इसका भी ध्यान रखें।
3. Wagah Border :-
Beating retreat: शाम 4 बजे से 5 बजे तक सर्दियों में
5 बजे से 6 बजे तक गर्मियों में
4. Qila Gobindgarh :-
इसमें evening time में कुछ shows होते हैं जो interesting होते हैं तो एक evening का time आपको उसके लिए भी रखना होगा।
Mostly लोग golden temple के पास ही hotel लेना prefer करते हैं। जिससे पूरे समय गुरूबाणी सुनाई दे। अगर आप सिर्फ golden temple में माथा टेकने पहुंचे हैं तो यही best option है।
पर अगर आप का plan हमारी तरह golden temple और Attari border दोनों जगह नमन करना है तो आप hotel का plan हमारी तरह भी कर सकते हैं।
हमारा hotel, hall gate पर था। जो कि golden temple से 2 km. पर और station से 500 meter पर था।
Hall gate पर hotel होने से आपका hotel on road रहता है, जिससे सब जगह के लिए Conveyance easily मिल जाता है। Golden temple के पास जलियांवाला बाग और partition musium है, बाकी सब दूसरी तरफ है तो अगर आप उसको ध्यान में रखते हैं तो हमारे hotel की location बहुत अच्छी जगह पर थी। वहां से भी कुछ जगहें बहुत पास थी। तो hotel का चुनाव करते समय यह ध्यान रखिएगा। एक बात हम, आपको बता दें कि हमारे hotel में भी हमें गुरुबाणी सुनाई दे रही थी।
हम लोग ने अपना program ऐसे रखा था कि हम 26 January को भारत के अटारी बार्डर को नमन कर सकें। अतः हम 25 January की रात में अमृतसर पहुंच गए थे।
चलिए अब आपको सभी जगहों की विस्तृत जानकारी देते हैं।
पहला दिन: हम सुबह 9 बजे निकलेंगे, सबसे पहले War Memorial देखें।
War Memorial (तलवार museum) :-
यह museum इन दोनों नाम से मशहूर है। शुरुआत इसी से की थी हमने... क्योंकि हम लोगों के मन में देश को और उसके वीरों को नमन करने की लालसा सबसे ज्यादा बलवती थी।
हमने यहां guide किया था, वैसे guide के बिना भी अगर आप इसे देखेंगे तो भी आप को बहुत कुछ समझ आ जाएगा क्योंकि वहां बहुत कुछ लिखा हुआ है और कुछ video clips भी चलती हैं।
तलवार museum में एक special और उसके अलावा 9 और gallery थीं।
जब उसमें enter किया था तो एक बहुत बड़ी तलवार दिखी थी, जिसकी लंबाई 45 meters है, जो कि stainless steel की बनी है, साथ ही यह विश्व की सबसे लंबी तलवार है,
जो इस museum को यादगार बनाती है, और इस लिए ही इसका नाम तलवार museum है।
इसमें पहली special gallery में Indian army के सभी regiment के flags और बहुत तरह के युद्ध में प्रयुक्त होने वाले शस्त्र हैं।
बाकी की 9 gallery में India के हड़प्पा से लेकर आज तक के सेना युद्ध का वर्णन है। वैसे आप इसे 1 hour में देख सकते हैं, पर यह ऐसी जगह है जहां देश को प्रेम करने वालों की झलकियां हैं और अगर आप भी देशप्रेमी हैं और उन पलों को जीना चाहते हैं, जो इन वीरों के सीने को छूकर गुजरे थे, तो आपको यहां 2 से 3 घंटे लगेंगे इस museum को देखने में। एक बात आप को यह भी बता दें कि 10 galleries में से कुछ में wax के statues भी हैं, अतः उनमें gallery में ठंड कुछ ज्यादा रहती है। गर्मियों में तो अच्छा लगता है, लेकिन ठंड के दिनों के ठीक से गर्म कपड़े पहनकर जाएं।
वैसे इस museum को जरूर से देखें, वो भी समय लेकर, यह आपको, आपके देश से बहुत गहरे तक जोड़ता है।
इस Trip Review को हम कुछ भागों में डाल रहे हैं, जिससे आपको छोटी छोटी बातों को बता सकें, जिससे आप की trip बहुत यादगार रहे।
तो अगले भागों को भी जरुर से पढ़िएगा...
हम आपको सारे भाग इस पूरे week में डालेंगे।
Very nice.complete information..Thanks for sharing.🙏😊
ReplyDeleteThank you so much for your appreciation 🙏🏻😊
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