नहीं टूटेगी रीत
देवेश, बिहार के छोटे से गांव माधोपुर से था। बचपन से ही उसे तीज त्यौहार और अपना गांव बहुत पसंद था।
पढ़ने में बहुत तेज था, इसलिए अपने स्कूल में अव्वल आता था। लेकिन उसके गांव में दसवीं कक्षा तक के ही स्कूल थे।
आगे पढ़ने और बढ़ने के लिए, उसे अपना गांव छोड़कर शहर आना ही पड़ा।
गांव का होनहार देवेश, शहर में भी अव्वल आने लगा। आज जब, इंजीनियरिंग की परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ, तो वो उसमें भी अव्वल आया।
एंजेला, इंग्लिश मीडियम में पढ़ी, बड़े घर की बहुत सुन्दर लड़की थी, पर पढ़ने में औसतन ही थी।
उसे भी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिल गया, लेकिन आखिरी नंबर पर।
इंजीनियरिंग कॉलेज में, हर कोई एंजेला के धनाढ्य और खूबसूरत होने के कारण उससे दोस्ती करने को उत्सुक हो रहा था, सिवाय देवेश के।
पर खूबसूरत एंजेला, होनहार देवेश से दोस्ती करना चाहती थी। कुछ ही दिनों में एंजेला के रूप के मोहपाश का असर देवेश पर भी छाने लगा और उसने एंजेला से दोस्ती कर ली।
देवेश तो अव्वल ही रहा, पर एंजेला को देवेश का साथ मिलने से अब वो दसवें स्थान पर रहने लगी, इंजीनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो गई।
आज कालेज का आखिरी दिन था...
क्या, इंजीनियरिंग कॉलेज तक ही रहेगी, देवेश और एंजेला की दोस्ती या आगे बढ़ेगी ..
आगे पढें, नहीं टूटेगी रीत(भाग-2)...
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