Monday 30 July 2018

Poem : हमसफर मेरे हमसफर


हमसफर मेरे हमसफर


हमसफर मेरे हमसफर
साथ चलना उम्रभर
तेरी ही है आरज़ू
तेरी ही है जुस्तजू

हमसफर मेरे हमसफर

हो कमी मुझमें अगर
रखना ना उनपे नज़र
प्यार ही प्यार रखना
हो कठिन चाहे डगर

हमसफर मेरे हमसफर

जो कहोगे, वो करेंगे
हो ये विश्वास गर
साथ होंगे उम्रभर हम
लेना ना इंतिहाँ मगर

हमसफर मेरे हमसफर

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